Thursday 16 June 2016

खोया बचपन

वो सादे से क ख ग घ ,
पढे हुए कई साल हो गये,
खूब तज़ुर्बा कमा लिया अब ,
हमे बडे हुए कई साल हो गये !
भागम भाग दौड़ना अब जीवन का हिस्सा है
नंगे पैर यूहीं घांस पे
चले हुए कई साल हो गये

अब तो रुकने के नाम पे
बस चाल धीमी होती है
वो नदिया की धारा में
खडे हुए कई साल हो गये

एसा नहीं की अब  बचपन की याद नहीं आती है ,
आके वो ही तो सूखी
पलकों की प्यास बुझाती है
मां के प्यार से सने वाले वो
अब सूखे सूखे गाल हो गये
प्यार से काढा करती थी वो  अब तो
आडे तिरछे बाल हो गये!

बस रोना और हंसना होता था ,
अब तो जाने कितने हाल हो गये :')
आदत है पर इन सबकी अब
हमे बडे हुए कई साल हो गये ! :')
आयुष :)

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