Wednesday 16 March 2016

मेरी सुन !

मत भटक मेरे तू मीत मेरी सुन,
पहले मन की प्रीत तेरी सुन !
छोटी हार से सीख बड़ा
सा ,
होगी तेरी जीत मेरी सुन !

माना मन विचलित है तेरा ,  चल हलचल सी रहती है
जिन आंखों से सपने देखे
वो आंखे नम रहती हैं !
मन करता है कोई हमराही आकर के समझा दे,
मन में आत्मविश्वास जगा के राह ठीक सी दिखला दे!
पर सुन इस दुनिया में
कोई जीवन आसान नहीं ,
सबकी अपनी तकलीफें
अपने अपने दर्द गमी !

तो तू खुद ही सोच ये कैसे तुझको प्रेरित करे कोई !
खुद से अच्छी प्रेरणा तुझको ना दे सकता और कोई !
जो है बस सब तू खुद ही है
खुद का खुदा तू खुद ही है
मत तक रे तू राह किसी की
करना सब कुछ खुद ही है !

उठ जाग खड़ा हो पैरो पर
और चल पड़ मंजिल पाने को ,
खुद से खुद में जोश फूंक ले
सफलता की ये रीत मेरी सुन !
क्या है मन की प्रीत तेरी सुन,
होगी तेरी जीत मेरी सुन !!



- आयुष

23 comments:

  1. Replies
    1. Thnks Abhishek 😇 keep supporting 😊

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  2. मन करता है कोई हमराही आकर के समझा दे,
    मन में आत्मविश्वास जगा के राह ठीक सी दिखला दे!

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  3. माना मन विचलित है तेरा , चल हलचल सी रहती हैजिन आंखों से सपने देखेवो आंखे नम रहती हैं !मन करता है कोई हमराही आकर के समझा दे,मन में आत्मविश्वास जगा के राह ठीक सी

    dil ko chhu li bhai (y)

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  4. Replies
    1. Thank you Anchal.. 😇 keep supporting :)

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  5. Replies
    1. Thanks Prashant.. Your support really motivates me 😇

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  6. जो है बस सब तू खुद ही है
    खुद का खुदा तू खुद ही है
    मत तक रे तू राह किसी की
    करना सब कुछ खुद ही है !

    well written Ayush, keep it up!

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  7. very beautifuully written ayush :)

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    Replies
    1. Thnk u Richa ! Keep supporting as u do :)

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  8. Well written Brother!! Heads up and keep going!!
    Best of Luck..

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  9. Well done and keep writing

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