बहुत हैं कहानियां लोगो को बताने ,
चले बस तो मैं सारी गा कर सुनाऊँ,
मिले तो मुझे कोई क़दरदान ज़रा
मुस्कान का मुखौटा उतार कर दिखाऊं।
गीत भी संगीत भी सब साथ है यहाँ ,
मीत भी मिले तो वो बातें सुनाऊँ ,
जो बिन बोले मेरे हाल ये समझ ले,
उसे मैं बिठा के , हाल - ए - दिल सुनाऊँ .....
कि किस्सों में मेरे ज़रा पागलपन है,
सुनाते सुनाते मैं मन मन मुस्काऊँ .....
मिले तो कोई ज़रा पागल सा मुझको ,
बिना माथा पीटे जिसे मैं समझा पाऊं ...
ये बारिश ये मौसम तो हैं बस बहाने,
मैं तो धूप में भी ये किस्सा सुनाऊँ ,
मिले तो मुझे कोई क़दरदान ज़रा
मुस्कान का मुखौटा उतार कर दिखाऊं।
चले बस तो मैं सारी गा कर सुनाऊँ,
मिले तो मुझे कोई क़दरदान ज़रा
मुस्कान का मुखौटा उतार कर दिखाऊं।
गीत भी संगीत भी सब साथ है यहाँ ,
मीत भी मिले तो वो बातें सुनाऊँ ,
जो बिन बोले मेरे हाल ये समझ ले,
उसे मैं बिठा के , हाल - ए - दिल सुनाऊँ .....
कि किस्सों में मेरे ज़रा पागलपन है,
सुनाते सुनाते मैं मन मन मुस्काऊँ .....
मिले तो कोई ज़रा पागल सा मुझको ,
बिना माथा पीटे जिसे मैं समझा पाऊं ...
ये बारिश ये मौसम तो हैं बस बहाने,
मैं तो धूप में भी ये किस्सा सुनाऊँ ,
मिले तो मुझे कोई क़दरदान ज़रा
मुस्कान का मुखौटा उतार कर दिखाऊं।
- आयुष :')
👌👌
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